साइटिका का आयुर्वेदिक उपचार करें निर्गुण्डी से – Nirgundi for sciatica in hindi
यह वात तंत्रिका और जोड़ों को शांत करने के लिए एक प्रभावी जड़ी बूटी है। इसका उपयोग जलन और जोड़ों में सूजन को कम करने के लिए लंबे समय से किया जाता रहा है। निर्गुण्डी काढ़ा गठिया, जोड़ों के दर्द और साइटिका के लिए भाप स्नान हेतु प्रयोग किया जाता है। पीठ दर्द को कम करने में यह विशेष रूप से बहुत प्रभावी है।
गुग्गुलु से करें साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज – Sciatica ka ayurvedic upchar karen guggulu se in hindi
यह सबसे पुराने उपचारों में से एक के रूप में जाना जाता है, यह जड़ी बूटी पीठ के निचले हिस्से में दर्द के लिए सबसे अच्छा इलाज है। यह स्वाभाविक रूप से पीठ की मांसपेशियों और ऊतकों का पोषण करती है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को ताकत और सपोर्ट प्रदान करती है।
साइटिका की आयुर्वेदिक दवा है अरंडी की जड़ें – Sciatica ayurvedic treatment by eranda roots in hindi
यह जड़ी बूटी सभी दर्दनाक स्थितियों में उपयोगी है, जिसमें रुमेटीयड गठिया, ओस्टियो गठिया और गंभीर जोड़ो के दर्द और स्त्रीरोग संबंधी विकार भी शामिल हैं। साइटिका के इलाज के लिए जड़ और जड़ की छाल का काढ़ा उपयोग किया जाता है। अरंडी सख़ीरा पाक अरंडी के बीज से तैयार दवा है और इसे दूध में प्रोसेस्ड किया जाता है। यह दर्द से राहत के लिए चिकित्सक की सलाह के तहत ली जा सकती है। (और पढ़ें – गठिया रोग का इलाज हैं यह 10 जड़ीबूटियां)
अश्वगंधा है साइटिका में प्रयोग होने वाली जड़ी बूटी – Sciatica ki ayurvedic dawa hai ashwagandha in hindi
अश्वगंधा को तिल के तेल में डालकर दर्दनाक ऑर्थरिटिक जोड़ों और जमे हुए कंधों पर रगड़ना चाहिए। यह तंत्रिका दर्द जैसे कि साइटिका, सुन्नता, मांसपेशियों में ऐंठन और पीठ दर्द को कम करने में प्रभावी है। इस जड़ी बूटी की जड़ में स्टेरायडल गुण होते हैं जो सूजन के उपचार में प्रभावी हो सकते हैं। यह दर्द को आरंभ करने वाले वात लक्षणों को समाप्त करने के लिए जानी जाती है।
साइटिका की दवा के रूप में उपयोग करें पिप्पली – Sciatica ka ayurvedic ilaj hai long pepper in hindi
पिप्पली के बीज को पानी में उबाल कर तरल को ठंडा होने दे। इसे दर्द से छुटकारा पाने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर कपूर के पाउडर और अदरक मूल के साथ मिला कर उपयोग कर सकते हैं।
साइटिका आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट में उपयोग करें जायफल – Nutmeg hai sciatica ka ayurvedic upchar in hindi
जायफल कफ और वात दोष को दबाने वाली जड़ी बूटी है। जायफल को बारीक़ पीस कर तिल के तेल में तले जब तक यह भूरा न हो जाए। इस तेल से धीरे-धीरे प्रभावित भागों में नसों के दर्द, गठिया और साइटिका से राहत पाने के लिए मालिश करें।
इन जड़ी बूटियों से साइटिका दर्द के लिए उपचार किया जा सकता है। हालांकि, आप अपने चिकित्सक से पता कर सकते हैं कि कौनसी जड़ी बूटियां आपके लिए सुरक्षित हैं।
(और पढ़ें – आयुर्वेद क्या है? उपयोग एवं उपचार?)
साइटिका के दर्द में करें तगर का उपयोग – Benefit of Valerian Root for sciatica in hindi
तगर की जड़ से मांसपेशियों को आराम और पुराने तंत्रिका दर्द से राहत मिलती है। यह विशेष रूप से मांसपेशियों की ऐंठन के कारण साइटिका का दर्द कम करने के लिए अच्छा है। यह नींद लेन में सहायता के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें और कुछ हफ्तों के लिए 150 मिलीग्राम वैलेरियन रूट सप्लीमेंट दिन में 3 बार लें।
आप 1 कप गर्म पानी में सूखे वेलेरियन जड़ के 1 चम्मच को डाल कर 10 मिनट के लिए रहने दें। इस वेलेरियन चाय को कुछ हफ्तों के लिए सप्ताह में कई बार आप पी सकते हैं।
सफेद विलो छाल है साइटिका में लाभदायक – Willow Bark is ayurvedic remedy for sciatica in hindi
लंबे समय तक चलने वाले दर्द से राहत के लिए सफेद विलो छाल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें सैलिसिन के साथ फेनोलिक ग्लायकोसाइड्स पाया जाता हैं, जो सूजन विरोधी और एनाल्जेसिक लाभ प्रदान करते है।
कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन 120 या 240 मिलीग्राम सफेद विलो छाल का सप्लीमेंट लें। इससे पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
दिल्ली के सुप्रसिद्ध डॉक्टर – Dr. Yuvraj Arora Monga