गर्भधारण के लिए पुरुष के वीर्य में कितने शुक्राणु होने चाहिए? – Low sperm count causes test & treatment in hindi

Low Sperm Causes & Treatment – वीर्य स्पर्म पुरुष नपुसंकता के लिए सबसे आम कारणों में से एक है क्योंकि जो स्पर्म अंडे से निषेचन करने वाला हो या हो सकता है का उत्पादन ही न हो ऐसे में गर्भधारण में समस्या हो सकती है | मेडिकल मानदंड कहते हैं​​ गर्भधारण करने के लिए एक मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या लगभग 20-110 लाख होनी चाहिए | गर्भधारण सिर्फ शुक्राणुओं की संख्या के साथ-साथ शुक्राणु की गतिशीलता यानि शुक्राणु किस गति से आगे बढ़ रहे हैं इसपे भी निर्भर करता हैं | अगर गतिशील शुक्राणुओं की संख्या कम है या कम गतिशील हैं तो भी गर्भधारण में समस्या हो सकती है | तो ऐसे में कैसे जाने वीर्य में शुक्राणु की संख्या

low sperm count Test
Seman Analysis

बिना टेस्ट कैसे पता करे वीर्य की संख्या

अगर आपकी पार्टनर कंसीव करने में दिक्कत हो रही हो तो हो सकता है आपके स्पर्म काउंट लो हों। बच्चा पैदा न कर पाना इसका प्रमुख लक्षण है। और कोई खास लक्षण नहीं होता। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ पुरुषों में कोई अंदरूनी दिक्कत भी स्पर्म काउंट कम होने की वजह हो सकती है। जैसे, हॉरमोनल इनबैलेंस, टेस्टिकल में चोट, अंडकोष में पानी भर जाना, आदि, जिसकी वजह से स्पर्म का रास्ता ब्लॉक हो जाते हैं ।

लो स्पर्म काउंट के कुछ अन्य लक्षण -Common causes of low sperm count

  • इरेक्शन न होना : इरेक्टाइल डिसफंक्शन सेक्स करने की इच्छा न होना।
  • टेस्टिकल एरिया में दर्द या सूजन
  • चेहरे और शरीर पर बालों की कमी क्रोमोसोमल या हॉरमोन में
  • बार-बार सांस से जुड़े इन्फेक्शन
  • अब्नॉर्मल ब्रेस्ट ग्रोथ।

लो स्पर्म काउंट के मेडिकल कारण – Medical reason for low sperm count

low sperm count causes test & treatment in hindi
low sperm count causes test & treatment in hindi
  • वैरीकोसेल (Varicocele)- इसमें नसों में सूजन आ जाती है. पुरुषों में इंफर्टिलिटी का यह एक मुख्य कारण है
  • इंफेक्शन- कई बार किसी इंफेक्शन के कारण भी पुरुषों मे स्पर्म काउंट कम होने लगता है ।
  • इसमें STD STI HIV एवं गनोरिया शामिल हैं
  • ट्यूमर कैंसर और गैर-संक्रामक ट्यूमर : ट्यूमर सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी भी मेल इनफर्टिलिटी का कारण हो सकता है
  • हार्मोन्स का असंतुलन- हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी और टेस्टिकल्स हार्मोन का उत्पादन करते हैं जो स्पर्म बनाने के लिए आवश्यक होते हैं.

वीर्य विश्लेषणलो स्पर्म काउंट के लिए आवश्यक जांच -Low sperm count Test

Seman Analysis Test – पुरुषों में स्पर्म काउंट (वीर्य की संख्या) कम होने को ओलिगोस्पर्मिया. वहीं, जब बिल्कुल भी स्पर्म ना बन पाए तो उसे एजोस्पर्मिया कहा जाता है | इसके लिए उपयुक्त जांच सीमन एनालिसिस ( Semen Analysis) हैं – सीमन एनालिसिस में पुरुषों के स्पर्म हेल्थ और विकास क्षमता की पुष्टि की जाती हैं | सीमन की जांच को मुख्य तीन रूप में मापा जाता है, जिसमें स्पर्म काउंट, स्पर्म का आकार और स्पर्म की मूवमेंट

लो स्पर्म काउंट के कुछ अन्य लक्षण निम्नवत: हैं

पार्टनर के जांच ओके होने के बाद, अगर आपकी पार्टनर को कंसीव करने में दिक्कत हो रही हो तो समझे आपके स्पर्म काउंट लो है। बच्चा पैदा न कर पाना इसका प्रमुख लक्षण है। और कोई खास लक्षण नहीं होता। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ पुरुषों में कोई अंदरूनी दिक्कत भी स्पर्म काउंट कम होने की वजह हो सकती है |

सर्वोत्तम नमूना प्राप्त करने के लिए- Preparation for semen analysis

  • परीक्षण से 24 से 72 घंटे पहले स्खलन (सेक्स) से बचें।
  • परीक्षण से दो से पांच दिन पहले शराब, कैफीन और कोकीन और मारिजुआना जैसे नशीले उत्पादों से बचें।
  • अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार कोई भी हर्बल दवा लेना बंद कर दें, जैसे कि सेंट जॉन पौधा और इचिनेशिया।
  • अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार किसी भी हार्मोन दवाओं से बचें।
  • आप जो भी दवा ले रहे हैं उसके बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करें।

बचाव के तरीके – Sperm Prevention in Hindi

अगर आप चाहते हैं कि आपके स्पर्म काउंट और क्वॉलिटी पर कोई बुरा असर ना पड़े तो इसके लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखें जैसे-

  • स्मोक ना करें.
  • शराब का सेवन कम से कम करें
  • हेल्दी वेट मेनटेन रखें
  • स्ट्रेस कम से कम लें, कीटनाशकों, भारी धातुओं और अन्य विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से बचें

शुक्राणु बढ़ाने की दवा – Ayurvedic treatment for sperm agglutination

आयुर्वेदिक डॉक्‍टर हितेंदर सिंह गौतम का कहना कि पुरुषों की फर्टिलिटी या स्‍पर्म काउंट बढ़ाने के लिए अश्‍वगंधा, शतावरी, कौंच के बीज इस्‍तेमाल किए जा सकते हैं।

निल शुक्राणु के लिए क्या करे – Oligospermia treatment

  • सर्जरी – जन्मजात अनुपस्थिति की समस्या को छोड़कर, अवरोधक एज़ोस्पर्मिया यानि के अन्य सभी कारणों को माइक्रोसर्जरी या एंडोस्कोपिक (Endoscopic) सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।
  • हॉर्मोन ट्रीटमेंट – कुछ मामलों में हॉर्मोन टीटमेंट की मदद से निल शुक्राणु का इलाज किया जाता है।
  • डॉक्टर से परामर्श ले – नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक हैं

डॉ. मोंगा ने कई युगल दम्पतियों को जो बाझपन की समस्या से जूझ रहे, सफल इलाज कर एक नया जीवन दिया हैं, वे बांझ रोगियों (कम शुक्राणुओं की संख्या, कम गतिशीलता और अन्य वीर्य असामान्यता और अन्य पुरुष कारक असामान्यताओं के कारण जानकार उचित उपचार प्रदान करते हैं ! अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे तो डॉ मोंगा से जरुर संपर्क करे !

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