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Ling ka Naso ka doctor near me- Dr. Yuvraj Arora Monga

लिंग में दर्द – Pain in penis

लिंग (पेनिस) में दर्द क्या होता है​?

Ling ka Naso ka doctor near me- लिंग का दर्द लिंग के ऊपर, बीच या नीचे के हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह दर्द लिंग के ऊपर की स्किन को भी प्रभावित कर सकता है। लिंग में दर्द के साथ-साथ खुजली या जलन भी महसूस हो सकती है।

लिंग में दर्द की तीव्रता उसके होने के कारण पर निर्भर करती है। अगर आपको चोट आदि लगी है, तो दर्द गंभीर हो सकता है और अचानक उभर सकता है। अन्य मामलों में पेनिस में दर्द हल्का होता है।

लिंग में किसी भी प्रकार का दर्द होना चिंता विषय है, खासकर अगर यह लिंग स्तंभन के दौरान होता है, पेशाब करने में दिक्कत पैदा करता है या पेनिस में छाले, लालिमा, सूजन या किसी प्रकार का डिस्चार्ज (स्त्राव) के साथ हो रहा हो।

लिंग में दर्द के लक्षण – Pain in penis Symptoms

लिंग के कौन से हिस्से में दर्द है, उसके आधार पर दर्द के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं –

  • लिंग का आंतरिक हिस्सा जो पेट की दीवार (abdominal wall) से जुड़ा होता है। लिंग के इस हिस्से को “पेनिस रूट” (penis root: जड़) कहा जाता है।
  • लिंग का मुख्य बाहरी हिस्सा, इसे “पेनिस शॉफ्ट” (penis shaft) कहा जाता है।
  • लिंग के ऊपर का हिस्सा, इसे “पेनिस हेड” (शिश्न मुंड; penis head) कहा जाता है।
  • लिंग की ट्यूब, जिसके माध्यम से लिंग के अंदर से वीर्य और मूत्र बाहर आते हैं। इसे “यूरेथ्रा” (Urethra) कहा जाता है।

लिंग में दर्द के लक्षण अचानक से या धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं। दर्द तेज, मंद या रह-रह कर महसूस हो सकता है। यह कुछ घंटों से कुछ दिन तक लगातार रह सकता है या सिर्फ कुछ पलों के लिए भी हो सकता है।

कुछ मामलों में लिंग का दर्द रोजाना के काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जैसे यौन संबंध बनाना, पेशाब करना, व्यायाम करना आदि। अन्य मामलों में लिंग का दर्द केवल एक मामूली तकलीफ ही बनता है और जल्दी ही ठीक हो जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

लिंग में दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। अगर लिंग में दर्द के साथ नीचे बताये लक्षण में से कोई भी महसूस हो रहा हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं –

  • स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिसफंक्शन)।
  • वीर्य में रक्त आना।
  • लिंग का रंग बदलना (नीला हो जाना) या घाव का सा निशान होना।
  • मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) से द्रव निकलना।
  • लिंग में सूजन आना।
  • पेशाब संबंधी समस्याएं, जैसे बार बार पेशाब आना, बहुत धीरे-धीरे करके पेशाब आना, पेशाब आने में देर लगना, पेशाब करने में दर्द या जलन महसूस होना।
  • अंडकोष में दर्द या पेट में दर्द होना।
  • लिंग पर चकत्ते या दाने निकलना।
  • पेनिस पर घाव या फोड़े बनना।
  • लिंग पर खुजली होना।
  • पेनिस या उसके आस पास की जगह (रान; groin) पर किसी प्रकार का कठोर उभार बनना। लिंग या उसके आस-पास की जगह में सूजन होना।
  • लिंग की स्किन के नीचे स्त्राव (secretion) का इकट्ठा होना।

लिंग (पेनिस) में दर्द के कारण – Pain in penis Causes

यहाँ कुछ आम कारण बताये जा रहे हैं जिनकी वजह से पेनिस में दर्द हो सकता है –

  • मूत्रमार्ग (मूत्राशय की ट्यूब या यूरेथ्रा) में संक्रमण की वजह से पेशाब करने में दर्द हो सकता है। यूरेथ्राइटिस अक्सर यौन संचारित संक्रमण के कारण होता है। यह लिंग में मवाद पैदा कर सकता है और गंभीर दर्द व सूजन का कारण बन सकता है।
  • किटाणुओं की वजह से मूत्राशय में संक्रमण (जिसे “सिस्टाइटिस” कहते हैं; cystitis) होने के कारण भी लिंग में दर्द हो सकता है।
  • पौरुष ग्रंथि में संक्रमण या सूजन (जिसे “प्रोस्टाटाईटिस” कहते हैं; prostatitis) के कारण भी लिंग में दर्द हो सकता है, जो खासकर स्खलन के दौरान होता है।
  • मूत्राशय में या गुर्दे से मूत्राशय में पेशाब ले जाने वाली किसी ट्यूब (Ureters) में पथरी होने से भी लिंग में दर्द पैदा हो सकता है।
  • अगर लिंग की चमड़ी अत्याधिक टाइट है और शिश्न मुंड (पेनिस हेड) से वापस नहीं जाती, तो इस समस्या को “फिमॉसिस” (Phimosis) कहा जाता है। यह 6 साल तक के बच्चों में काफी आम होती है, लेकिन बड़े होने के बाद यह समस्या नहीं होनी चाहिए। अगर यह पीछे नहीं हटती तो यह शिश्न-मुंड (पेनिस हेड) तथा ऊपरी चमड़ी में संक्रमण का कारण बन सकती है, क्योंकि यह कीटाणु तथा फंगस (कवक) आदि के लिए गर्म और नम जगह का काम करती है, जिसमें वे आसानी से बढ़ सकते हैं। इससे पेनिस में दर्द हो सकता है, खास तौर से संभोग के दौरान।
  • कई बार शिश्न-मुंड (पेनिस हेड) के ऊपर की चमड़ी टाइट होने के बावजूद पीछे खिंच तो जाती है लेकिन वापिस ऊपर नहीं आ पाती। ऐसे में वह मुंड के पीछे इकट्ठा होकर फंस जाती है, जिससे लिंग की नसें रुक जाती हैं और पेनिस हेड में सूजन आ जाती है। शिश्न मुंड में इतनी सूजन आ सकती है कि त्वचा फिर वापस उसके ऊपर न जा पाए। इसे स्थिति को “पैराफिमॉसिस” (paraphimosis) के नाम से जाना जाता है और यह काफी दर्दनाक होती है। पैराफिमॉसिस को ठीक करने के लिए तुरंत ऑपरेशन करने की जरूरत होती है।
  • लिंग पर किसी प्रकार का आघात या चोट भी दर्द का कारण बन सकती है। ऐसी चोट कई कारणों से लग सकती है, जैसे –

1-जानवर या मानव के काटने की वजह से।
2-पैंट की जिप में लिंग के फंस जाने से।
3-फिमॉसिस के कारण अगर चमड़ी अधिक टाइट हो, तो संभोग के दौरान चमड़ी कट या फट सकती है और उसमें से खून बहने लग सकता है।

  • लिंग स्तंभन के दौरान अक्सर लिंग के टेढ़ेपन (जिसे “पेरोनी रोग” कहते हैं; Peyronie’s disease) के कारण दर्द हो सकता है। यह ज़ोरदार यौन क्रिया के दौरान लिंग के मुड़ने के कारण होता है।
  • 4 घंटे से ज़्यादा तक रहने वाले दर्दनाक लिंग स्तंभन को “प्रियापिज्म” (Priapism) के नाम से जाना जाता है। प्रियापिज्म के कई कारण होते हैं, अगर इसका जल्दी से जल्दी इलाज ना किया जाए तो यह स्थायी स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता) की स्थिति पैदा कर सकता है।
  • ज़ोरदार सेक्स के दौरान लिंग में फ्रैक्चर भी हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब तना हुआ लिंग अचानक से मुड़ जाए और “कार्पोरा” (corpora; एक प्रकार के ऊतक जो पेनिस के अंदर होते हैं) की दीवार क्षतिग्रस्त हो जाए। ऐसा होने के दौरान एक कड़कने जैसी आवाज आ सकती है और अचानक से तेज दर्द शुरू हो सकता है। ऐसा होने के तुरंत बाद ही लिंग में सूजन आ जाती है और दर्द बहुत बढ़ जाता है।)
  • लिंग की नसों में “क्लॉटिंग” (खून के थक्के जमना; Thrombosis) भी लिंग में दर्द का एक कारण हो सकता है, लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है।
  • पेनिस कैंसर उन पुरुषों में ज़्यादा होता है जिनको फिमोसिस की समस्या होती है (जिनका खतना (circumcision) हो चुका होता है, उनको पेनिस कैंसर का खतरा कम होता है)। फिमोसिस की वजह से कैंसर पेनिस के ऊपर की स्किन (फोरस्किन; foreskin) के नीचे छिपा रहता है। पेनिस कैंसर का पता तब चलता है जब इसके लक्षण महसूस होने शुरू हो जाते हैं, जैसे पेनिस में दर्द, खून बहना, और बदबूदार स्राव। लेकिन पेनिस में दर्द के सभी मामलों में से कैंसर की वजह से पेनिस में दर्द के मामले एक बहुत छोटा भाग हैं।
  • चंद मामलों में लिंग में दर्द अन्य तरह के दर्द से जुड़ा होता है, जैसे कमर में दर्द या पेडू में दर्द (पेल्विक दर्द)।

लिंग (पेनिस) में दर्द से बचाव – Prevention of Pain in penis

कुछ आसान सावधानियां बरत कर आप पेनिस में दर्द होने की संभावना कम कर सकते हैं –

  • यौन संबंध बनाने के दौरान हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।
  • जिसको कोई संक्रमण हो उसके साथ यौन संबंध न बनाएं।
  • सेक्स के दौरान ऐसी मूवमेंट या पोजीशन से बचें जिनमें लिंग में ज्यादा घुमाव या मोड़ आता हो।
  • यदि आपको लिंग की ऊपरी चमड़ी (फोरस्कि; Foreskin) में किसी प्रकार का बार-बार होने वाला संक्रमण है, तो रोज उसकी अच्छे से सफाई करें और इसका इलाज करायें।

लिंग में दर्द का परीक्षण – Diagnosis of Pain in penis

शारीरिक परीक्षण के साथ-साथ डॉक्टर मरीज से उसकी कुछ व्यक्तिगत व मेडिकल जानकारी आदि के बारे में पूछ सकते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है, जो नीचे बताये गए हैं –

  • अल्ट्रासाउंड (ultrasound)।
  • यौन संचारित रोगों के लिए टेस्ट।
  • सिस्टाइटिस या मूत्राशय में पथरी आदि की जांच के लिए मूत्र विश्लेषण
  • यूरीन कल्चर और माइक्रोस्कोपी।
  • लिंग में कैंसर की जांच करने के लिए बायोप्सी की जरूरत पड़ सकती है।
  • जननांग में किसी भी प्रकार के घाव, जननांग दाद, सिफलिस के अल्सर, शैंक्रॉइड आदि की जांच।

आपको हर टेस्ट करवाने की ज़रुरत नहीं पड़नी चाहिए। डॉक्टर आपकी मेडिकल स्थिति की अनुसार टेस्ट का चयन करेंगे।

लिंग (पेनिस) में दर्द का इलाज – Pain in penis Treatment

पेनिस में दर्द का इलाज इसके होने ले कारण के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

  • कई मामलों में सिर्फ दर्द कम करने की दवा की ही ज़रुरत पड़ती है।
  • प्रियापिज्म (priapism) होने की स्थिति में एक सुई के द्वारा लिंग में जमा खून बाहर निकालना लिंग स्तंभन को कम करने में मदद कर सकता है। दवाओं की मदद से भी लिंग में जाने वाले खून की मात्रा को कम किया जा सकता है।
  • एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से मूत्र पथ में संक्रमण तथा कुछ यौन संचारित रोगों का इलाज किया जा सकता है, जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस आदि। एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं द्वारा लिंग में सूजन (बैलनाइटिस; Balanitis) का इलाज किया जा सकता है। अगर कोई यौन संचारित रोग है, तो यह बहुत जरूरी है कि दोनो यौन साथियों का इलाज किया जाए।
  • इंजेक्शन से “पेरोनी रोग के प्लाक” (Peyronie’s disease plaque; लिंग के अंदर ऊतकों का जमाव) का इलाज किया जा सकता है और गंभीर मामलों में सर्जरी द्वारा उनको निकाल दिया जाता है।
  • हरपीज का इलाज करने के लिए एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
  • यदि लिंग के ऊपरी भाग की त्वचा टाइट है (यानी फिमोसिस है; Phimosis), तो उंगलियों की मदद से त्वचा को स्ट्रेच करने से उसको ढीला किया जा सकता है। अगर ये समस्या बच्चे को है तो लिंग पर स्टेरॉयड क्रीम लगाना भी मददगार हो सकता है। कुछ मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
    लिंग के अगले भाग पर बर्फ लगाने से सूजन को कम किया जा सकता है। डॉक्टर लिंग के अगले हिस्से पर हल्का दबाव रखने का सुझाव दे सकते हैं। लिंग के अंदर जमे हुऐ द्रव व खून को निकालने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं इंजेक्शन से दे सकते हैं, और सूजन कम करने के लिए ऊपरी चमड़ी में छोटा सा चीरा भी लगा सकते हैं।
  • जैसे कि पहले ही बताया जा चुका है, लिंग में दर्द के बहुत कम मामले पेनिस कैंसर की वजह से होते हैं। लेकिन अगर पेनिस कैंसर ही दर्द का कारण है, तो इसका इलाज करने के लिए सर्जन (ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर) लिंग का कैंसरग्रस्त हिस्सा निकाल सकते हैं। लिंग कैंसर के उपचार में रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी आदि प्रक्रियाओं का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
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