साइटिका रोग विशेषज्ञ दिल्ली (Treatment for Sciatica in Delhi) – कमर से लेकर पैरों तक तेज दर्द या जलन महसूस होता है, साइटिका नितंबों के नीचे से शुरू होकर पैरों के पिछले हिस्से से होते हुए एड़ियों तक पहुचता है गंभीर दर्द कई बार स्लिप्ड डिस्क में बदलता है तो कभी-कभी इससे साइटिका हो जाता हैं | एक आम समस्या है। चिकित्सा के क्षेत्र मे इसे सर्वाइकल पेन के नाम से जानते हैं | यह दर्द गर्दन से लेकर कमर के निचले हिस्से तक हो सकता हैं
सायटिका, कमर दर्द – गर्दन, स्लिप डिस्क एवं अन्य हड्डी रोगों का जड़ से इलाज
- गठिया का इलाज
- कमर दर्द का इलाज
- गर्दन दर्द (सर्वाइकल) का इलाज
- सायटिका का इलाज
- एड़ी में दर्द का इलाज
- स्लिप डिस्क (Slip Disk) का इलाज
- पंचकर्म से रोगों का इलाज
- क्लीनिक एवं ऑनलाइन परामर्श की सुविधा
हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ दिल्ली डॉ. मोंगा
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हड्डी एवं नस रोगों का इलाज ?
- Backache कमर दर्द : लम्बे समय से कमर में दर्द, चुभन, अकड़न रहना
- Gout गठिया : शरीर के सभी जोड़ों में दर्द होना, सूजन रहना
- Cervical Spondylosis गर्दन दर्द : लम्बे समय से गर्दन में दर्द एवं अकड़न रहना
- Sciatica सायटिका : किसी एक पैर में कूल्हों से लेकर पैर के अंगूठे तक दर्द एवं खिंचाव रहना
- Slip Disc स्लिप डिस्क : कमर में दर्द एवं खिंचाव का रहना
- Arthritis घुटने में दर्द : लम्बे समय से घुटने में दर्द रहना, कट कट आवाज आना
- Parkinson Disease पार्किंसन डिजीज : शरीर के अंगों में कंपन महसूस होना
- Lumber spondylitis लंबर स्पॉन्डिलाइटिस : मांसपेशियों में खिचाव व कमर में दर्द।
- Tumor (Bone) बोन ट्यूमर : हड्डी के ऊतकों में असाधारण वृद्धि ,हड्डियों का कमजोर होना।
- Anylosing Spondylitis एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस : कमर में निचले हिस्से में दर्द , आराम करने पर दर्द बढ़ना।
- Bone Tuberculosis बोन टीबी : फेफड़े व शरीर के अन्य हिस्सों का संक्रमित होना ,उनमे घाव /फोड़ा होना।
- Ganglion गैग्लियन : हाथ /शरीर की ऊपरी त्वचा में गांठ होना ,दर्द होना।
सायटिका क्या होता है ? Ayurveda Sciatica Pain treatment in Delhi
सायटिका के लक्षण Common causes of sciatica
- सियाटिका नस से होकर आपके पीठ के निचले हिस्से में होता है
- ये किसी एक पैर में होता है दाये या बाये पैर में होता है
- ये आपके कमर कुल्हो जांघो से होकर नीचे पंजे के अंगूठे में होता है
- इसके सामान्य लक्षण है – पैरों का सुन्न होना ,झनझनाहट होना , तेज़ दर्द होना , अकड़न रहना , पैरों में भारीपन महसूस होना
- ये समस्या आपकी L1 L2 L3 L4 L5 L6 या S1 में गैप होने या दबने के कारण ये होती है
- ये सामान्यतः कमर में झटका लगने चोट लगने या क्षमता से अधिक वजन उठाने के कारण होता है
गर्दन दर्द (cervical spondylitis) क्या होता है?
Cervical spondylitis के लक्षण ?
- गर्दन दर्द जिसे हम सर्वाइकल स्पोंडिलिटिस के नाम से जानते है
- इसमें रोगी के गर्दन में तेज दर्द एवं अकड़न का अहसास होता है
- सिर में तेज दर्द महसूस होता है एवं सिर भारी लगता है
- ये गर्दन के पीछे निचले हिस्से से शुरू होता है
- इसमें कई बार आपके कंधे हाथ एवं अँगुलियों में दर्द का अहसास होता है
- इसमें रोगी के पीठ में भी तेज दर्द एवं अकड़न होती है
- ये गर्दन में C1 C2 C3 C4 C5 C6 नसों में गैप या नसों के दबने के कारण होता है
बिमारियों को विस्तार में समझते हैं – Permanent cure for ankylosing spondylitis in hindi
एन्कियलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के लक्षण, कारण व इलाज – Ankylosing spondylitis treatment in Delhi
एन्कियलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) हड्डियों से सम्बंधित रोग है, यह आर्थराइटिस (गठिया) का ही एक प्रकार है, यह ऐसी अवस्था है जिसे ज़्यादातर सामान्य पीठ दर्द मान लिया जाता है ,लेकिन वास्तव में यह रीढ़ में सूजन सम्बन्धी समस्या होती है,जिसमे रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन तक दर्द होता है ये शिकायत अमूमन 25 -35 वर्ष की आयु में देखने को मिलता है आकड़ों के अनुसार 0.1 -0.8 तक लोगो में देखी जा सकती है।
एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस क्या है ?
एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस को इंफ्लेमेटरी डिजीज माना जाता है ,जो प्रतिरक्षा प्रणाली के ख़राब होने के कारण होता है। 90 % से ज्यादा रोगियों में HLA-B27 प्रतिजन होता है ,अधिकांश मामलो में यह शिकायत पुरुषो में ज्यादा देखने को मिलती है ,इसमें मरीज़ के कोशिकाओं यानि वेर्टेब्रा के बीच सूजन आने की वजह से रीढ़ के जोड़ो और लिगामेंट्स में अकड़न महसूस होती है सरल शब्दों में समझे तो रीढ़ की हड्डी में अकड़न हो जाती है , और रीढ़ का लचीलापन खत्म होने लगता है जिससे शरीर आगे की ओर झुकने लगता है।
समझते है कि एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस को कैसे पहचाने ? Early signs and symptoms of ankylosing spondylitis
अगर मरीज़ को सुबह उठते समय गर्दन में दर्द ,रीढ़ में अकड़न या पीठ के निचले हिस्से में (नितम्ब ) में दर्द महसूस होता हो और यह स्थिति लम्बे समय तक बनी रहे तो सावधान हो जाए ये एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण होते है बिना देर किये डॉक्टर से परामर्श करे।
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एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के सामान्य लक्षण – शुरुआती दौर में अंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीज़ को सुबह उठने पर पीठ में दर्द व अकड़न महसूस होती है ,लेकिन समय के साथ इसके लक्षण बदतर हो जाते है ,इसके कुछ अन्य सामान्य लक्षण है…
- गर्दन में दर्द और थकान महसूस होना।
- शरीर में अकड़न महसूस होना।
- रीढ़ की मूवमेंट में दिक्कत महसूस होना।
- कमर के निचले हिस्से में दर्द व अकड़न होना।
- नितम्ब और जांघ में दर्द होना।
- कूल्हों में दर्द होना।
- बुखार आना ,भूख कम लगना
- अचानक वजन का कम होना।
- आँखों से सम्बंधित शिकायत रहना।
- शरीर आगे की ओर झुका महसूस होना।
एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का मुख्य कारण? Ankylosing spondylitis causes and symptoms
इसका का कोई ज्ञात विशेष कारण नहीं है, हालाँकि इससे प्रभावित अधिकांश लोग HLA-B27 प्रतिजन से पॉजिटिव होते है या HLA-B27 पॉजिटिव लोगो के रिश्तेदार। हालाँकि जरुरी नहीं है कि सभी में HLA-B27 प्रतिजन पॉजिटिव हो। लेकिन HLA-B27 प्रतिजन पॉजिटिव से प्रभावित लोग ज्यादा एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के लिए संवेदनशील होते है, इसके अलावा प्रतिरक्षा प्रणाली के ख़राब होने के कारण भी यह हो सकता है।
एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है –
एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित मरीज़ को शरीर के जोड़ो खासकर पीठ कमर और कूल्हों में दर्द व अकड़न की शिकायत होने लगती है ,ये समस्या सुबह या आराम करने के बाद ज्यादा महसूस होती है जिससे मरीज़ को चलने उठने बैठने में बहुत दिक्कत होती है अमूमन यह समस्या पुरुषो में ज्यादा देखने को मिलती है। यह मरीज़ के अन्य जोड़ो जैसे -गर्दन ,कंधे ,पीठ , कमर के साथ साथ शरीर के छोटे जोड़ो को भी प्रभवित करता है। मरीज़ को बुखार ,कमजोरी ,सांस लेने में परेशानी की समस्याएं भी रहती है। कई बार जोड़ो में दर्द व अकड़न के साथ साथ जोड़ो में सूजन की शिकायत भी हो जाती है।
(Arthritis) घुटने में दर्द के कारण व इलाज -Best Rheumatologist in Delhi
घुटने शरीर का महत्वपूर्ण भाग होते है ,जो हमे उठने ,चलने या दैनिक जीवन के दूसरे अनेक कार्यों को बिना किसी परेशानी का सामना किये आसानी से पूरा करने में मदद करते है। किन्तु आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में ख़राब खान पान के कारण ये समस्याएं उत्पन्न होती है इसके अतिरिक्त बढ़ती उम्र में आमतौर पर यह 40 से 45 की उम्र में घुटने दर्द की शिकायत होने लगती है, ,चोट या गठिया होने पर भी ये समस्याएं देखने को मिलती है
अतिरिक्त कारण
- लिगामेंट का टूटना।
- हड्डियों का कमजोर होना।
- पैर मोड़कर लम्बे समय तक रखना।
- शरीर का वजन अधिक होना।
- खेल कूद के दौरान चोट लगना।
- अधिक वजन वाला काम करना।
- गाउट की समस्या होना।
घुटने में दर्द से होने वाली समस्याएं –
- घुटनों में सूजन या लगातार दर्द होना।
- मूवमेंट में तेज दर्द होना।
- सीढ़ियां चढ़ने उतरने में तकलीफ होना।
- नीचे बैठने या बैठकर उठने में दिक्कत होना।
- पालथी मारकर बैठने में मुश्किल होना।
- जोड़ों में काफी भारीपन रहना।
कमर दर्द के लक्षण, कारण व इलाज – Back pain symptom of arthritis
निष्क्रिय जीवनशैली, कार्य संस्कृति, नौकरी की मांग और पोषण की कमी के कारण कमर में दर्द होना अब एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। वर्तमान समय में यह समस्या अब युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है ,जिसमे लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।
कमर दर्द – हम कमर दर्द को एक आम दर्द समझकर नजरअंदाज करते है जिससे यह गंभीर रूप ले लेती है, जिससे व्यक्ति को अपने दैनिक कार्यों को करने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। अतः यदि आप काफी लम्बे समय से कमर दर्द की समस्या से परेशान है तो इसे नजरअंदाज न करे ,बल्कि जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर अपना उचित इलाज करायें।
- पीठ एवं कमर के पिछले हिस्से में तेज दर्द व अकड़न होना।
- पीठ एवं कमर के हिस्से में गर्माहट महसूस होना।
- ज्यादा देर बैठने पर दर्द का बढ़ना।
- प्रभावित जगह सूजन महसूस होना।
कमर दर्द के कारण –Causes of back Pain in hindi
आजकल कमर दर्द एक सामान्य समस्या बन चुकी है, आज जीवन टेक्नोलॉजी से घिरा हुआ है। बिना लैपटॉप या मोबाइल के कोई भी काम करना काफी मुश्किल है। आवश्यक्तानुसार मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करना ठीक है ,लेकिन एक ही पोजीशन में लम्बे समय तक काम करना कमर पर दबाव डालता है।
कमर दर्द होने के अन्य कारण
- कैल्सियम की कमी ।
- विटामिन D3 की कमी ।
- आर्थराइटिस ।
- मांसपेशियों में खिचाव।
- गर्भाशय में सूजन ।
- अनियमित पीरियड्स ।
- घंटो गलत पोज़िशन में बैठे रहना।
- वजन बढ़ना या मोटापा ।
लंबर स्लिप डिस्क (Lumber Slip Discs Treatment in Hindi )
लंबर स्लिप डिस्क में दर्द रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में रहता है इसमें दर्द की मुख्य वजह नसों (L3-L4 ,L4-L5 ,L5-S1) में दबाव को माना जाता है जिसकी वजह से खून का संचार नहीं हो पता है जिससे मरीज़ को कमर में तेज दर्द महसूस होता है।
कमर दर्द से बचाव के कुछ तरीके इस प्रकार है
- अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करे।
- ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में न रहे।
- झटके से वजन न उठाएं।
- रोजाना व्यायाम करे।
- कैल्सियम युक्त भोजन करे।
- खूब सारा पानी पियें।
हमारा ट्रीटमेंट प्रोसीजर हमे गठिया के इलाज में उत्कृष्ट बनता हैं। हम लक्षणों और दर्द के चरणों को पहचान, विशेष रूप से विस्तृत जांच के साथ घुटने के गठिया के लक्षण देखते हैं। और मौजूद असुविधा को समझकर, उचित उपचार विशेषज्ञों द्वारा प्रदान करते हैं । हम ट्रीटमेंट प्रक्रिया में डाइट, एक्सरसाइज और दवायों को सामिल करते हैं जिससे मरीज पूर्ण रूप से आराम पाते हैं तो बिना ज्यादा सोचे, तुरंत गठिया के इलाज के लिए हमसे संपर्क करें।
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