वायरल फीवर: कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

वायरल फीवर एक सामान्य शब्द है जिसका अर्थ है “वायरस से होने वाला बुखार”। ये विभिन्न प्रकार के वायरसों के कारण हो सकते है । और व्यक्ति के तापमान में उच्चता, शरीर के अंगों में दर्द, थकान और बुखार के साथ जैसे लक्षण होते हैं।

वायरल फीवर के कुछ सामान्य कारण :

  • इंफ्लुएंजा (Flu): इंफ्लुएंजा वायरस से होने वाला बुखार एक आम स्वरूपी वायरल फीवर है।
  • डेंगू बुखार (Dengue Fever): डेंगू वायरस से होने वाला फीवर एक विषम स्वरूपी वायरल फीवर है जो डेंगू मच्छर के काटने से होता है।
  • चिकनगुनिया (Chikungunya): चिकनगुनिया वायरस से होने वाला बुखार भी एक अन्य प्रकार का वायरल फीवर है।
  • वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus): यह मच्छरों द्वारा फैलता है । और वेस्ट नाइल वायरल फीवर के नाम से जाना जाता हैं

यह आमतौर पर ये स्वयं ठीक हो जाते है, सामान्य देखभाल, आराम और पर्याप्त पानी पिये।

वायरल फीवर : कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार
चित्र क्रेडिट – iStock

बुखार में किस डॉक्टर से मिले

आपको जनरल फिजिशियन (General Physician) से मिलना उचित होगा

डेंगू, चिकनगुनिया में विशेषज्ञ (Specialist) डॉक्टरों के द्वारा भी चिकित्सा प्रदान की जाती है। इनमें रोग-निदान विशेषज्ञ (Infectious Disease Specialist), बच्चों के लिए बाल चिकित्सा विशेषज्ञ (Pediatrician), और अन्य विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं।

बुखार कितने दिन रहता है?

सामान्य रूप से देखा जाए तो, वायरल बुखार का सामान्य अवधि १ से लेकर १० दिन तक होती है।

वायरल बुखार की अंग्रेजी दवाएं

  1. Paracetamol (पैरासिटामोल): Paracetamol या Acetaminophen | यह बुखार और दर्द को कम करने में मदद करता है।
  2. Ibuprofen (इबुप्रोफेन): दर्द और सूजन को कम करता है। यह एक Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drug (NSAID) है।
  3. Acyclovir (एसिक्लोविर): Acyclovir विशेषकर हर्पीस जैसे वायरल संक्रमणों के उपचार में उपयोग किया जाता है।
  4. Oseltamivir (ओसेलटैमिविर): Oseltamivir इंफ्लुएंजा वायरस के उपचार में उपयोग किया जा सकता है।

आयुर्वेदिक दवाईयां

वायरल बुखार के लिए आयुर्वेदिक दवाएं बेहतर मानी जाती हैं। जो निम्न हैं

दवा का नामविवरण
गिलोय (Giloy)गिलोय एक प्राकृतिक रक्षक औषधि है जो वायरल संक्रमण को कम करने में मदद करती है। यह बुखार और शरीर के दर्द को कम करने में भी मदद करती है।
तुलसी (Tulsi)तुलसी में विषाणुनाशक गुण होते हैं जो वायरल संक्रमण के खिलाफ लड़ने में सहायक हो सकते हैं। तुलसी का काढ़ा बनाकर पिने से बुखार में लाभ हो सकता है।
अश्वगंधा (Ashwagandha)अश्वगंधा स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती है।
अमला (Amla)अमला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो विषाणुओं के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं।
सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna)सितोपलादि चूर्ण वायरल संक्रमण के लक्षणों जैसे कफ, बुखार, और सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

आयुर्वेदिक दवाएं केवल लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं ये संपूर्ण इलाज नहीं हैं।

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