Safed daag ka ilaaj– सफेद दाग का उपचार संभव है। समय पर उपचार आरंभ हो तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। यह बीमारी छुआछूत की नहीं है। समय पर इलाज से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी को लेकर समाज में गलत भ्रांतियां फैली हुई हैं। इसकी वजह से लड़के-लड़कियों की शादी में मुश्किल हो जाती है। चर्म रोग विशेषज्ञों के अनुसार इसका उपचार चार तरह से किया जाता है। सबसे पहले मरीज को खाने की दवा दी जाती है। अगर इससे ठीक नहीं होता है तो शल्य चिकित्सा की जाती है। इसके बाद फोटो थेरेपी व लेजर पद्धति से इस बीमारी को ठीक किया जाता है।
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खान-पान से इस बीमारी का काेई संबंध नहीं
अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि मछली खाने के बाद दूध पीने से सफेद दाग हो जाते हैं लेकिन इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। सफेद दाग जिसे मेडिकल की भाषा में विटिलिगो कहा जाता है, वास्तव में त्वचा से संबंधित एक रोग है जिसका खानपान से कोई संबंध नहीं है। विटिलिगाे यानी सफेद दास एक ऑटाे इम्यून सिंड्राेम है।
सफेद दाग के लक्षण:
- त्वचा पर छोटा सफेद दाग जो समय के साथ बढ़ता जाता है, मुख्य तौर पर शरीर का वह हिस्सा जिस पर सीधे सूर्य की रोशनी पड़ती है।
- यदि पहले से ही सफेद दाग हो और उसी दाग पर चोट लग जाने से सफेद दाग बढ़ जाए, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।
- इस तरह के सफेद दागों में दर्द नहीं होता है और खुजली भी नहीं होती, लेकिन जब धूप में आते हैं तो जलन शुरू हो जाती है।
- बालों का समय से पहले सफेद होना।
त्वचा पर सफेद दाग को कुछ लोग कोढ़ समझने की भूल कर बैठते हैं। हालांकि, ये कोढ़ नहीं होता है। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर आप अपनी त्वचा पर सफेद निशान या फिर स्किन का बदलता हुआ रंग देख रहे हैं, तो ये सफेद दाग की समस्या हो सकती है।
सफेद दाग होने के कारण:
पोषक तत्वों की कमी: सफेद दाग होने के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से मुख्य कारण जरूरी मात्रा में विटामिन्स व मिनिरल्स की कमी होती है। यदि संतुलित डाइट न ली जाए, तो इससे त्वचा पर हल्के रंग के दाने पड़ने लगते हैं। हालांकि, ये दाने में शुरू में पूरे सफेद नहीं होते हैं, लेकिन ये इस बीमारी के शुरुआती लक्षण होते हैं।
फंगल संक्रमण: सफेद दाग होने के कारणों में फंगल इंफेक्शन भी शामिल है। यदि किसी को फंगल इंफेक्शन हो जाए, तो इसके परिणामस्वरूप भी त्वचा पर सफेद दाग की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर्स से परामर्श लेना जरूरी है। अक्सर इसके उपचार में दो से तीन माह तक का समय लग जाता है।
सफेद दाग कैसे बनते हैं?
हमारे शरीर में मेलेनोसाइट्स नामाक कोशिकाएं होती हैं, जो त्वचा को प्राकृतिक रंग प्रदान करती हैं। जब ये कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं, तब ये अपना काम करना बंद कर देती हैं, जिसके कारण त्वचा पर सफेद दाग बनने लगते हैं। इसके अलावा, कुछ विशेष प्रदूषकों, ग्रहण और ऊष्णता जैसे कारकों से भी त्वचा पर सफेद दाग बन सकते हैं।
सफेद दाग का इलाज:
सफेद दाग का इलाज कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए उपचार संभव होता है। इसके लिए बेस्ट आपके नजदीकी चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना होगा। चर्म रोग विशेषज्ञ आपके मामले का जांच करेंगे और सही उपचार का सुझाव देंगे।
यहां कुछ सामान्य उपचार के विकल्प दिए जा रहे हैं, लेकिन याद रखें कि इन्हें खुद से प्रयोग करने से पहले चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है:
- दवाईयाँ: चर्म रोग विशेषज्ञ आपको उपयुक्त दवाओं का परामर्श देंगे, जो सफेद दाग के इलाज में सहायक हो सकती हैं। यह दवाएँ आमतौर पर त्वचा पर लगाने या स्थानीय रूप से लागू की जाती हैं।
- फोटोथेरेपी: यह उपचार सफेद दाग के लिए एक प्रकाश उपचार है, जिसमें त्वचा को विशेष प्रकाश के तहत रखा जाता है। इसका उपयोग सफेद दाग के प्रकाश संवेदनशील कोशिकाओं को जीवित करने और उन्हें मेलेनिन उत्पादन करने के लिए किया जाता है।
- स्टेरॉइड क्रीम: स्टेरॉइड क्रीम सफेद दाग के लिए आमतौर पर उपयोग की जाती है। यह त्वचा के प्रदर्शन को सुधारने और सफेद दाग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
- सेरेब्रल पाल्सी ट्रीटमेंट: कुछ मामलों में, सफेद दाग के इलाज के लिए सेरेब्रल पाल्सी ट्रीटमेंट (CPT) उपयोगी हो सकता है। इसमें सफेद दाग को नष्ट करने वाले लेजर या आपत्ति प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है।