महिलाओं में एचआईवी के लक्षण (Symptoms of HIV in Women) : ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus)(एचआईवी) हमारे शरीर के इम्युनिटी सिस्टम पर अटैक करता है जिससे हमें इन्फेक्शन्स और बीमारियों की अधिक सम्भावना हो जाती है। नेशनल एड्स कण्ट्रोल आर्गेनाईजेशन( National AIDS Control Organisation (NADO)के अनुसार, भारत में लगभग 2.5 मिलियन लोग एचआईवी-एड्स के साथ जी रहे हैं, जिनमें से 10 लाख महिलाएं हैं। इसलिए, बीमारी के बारे में अच्छी तरह से जानना बेहद जरूरी हो गया है। इस आर्टिकल में महिलाओं में एचआईवी के शुरुआती और देर से आने वाले लक्षणों के बारे में जानेंगे जिनको देखकर आप रोग का डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट समय पर करवा सकेंगे।
महिलाओं में एचआईवी के शुरुआती लक्षण(Early Symptoms of HIV in Women)
एचआईवी की अर्ली स्टेज एक एक्यूट इन्फेक्शन है जो एचआईवी के संपर्क में आने के 2 से 4 सप्ताह बाद देखा जाता है। इस लेवल पर, व्यक्ति सबसे अधिक संक्रामक(most contagious) होता है। महिलाओं में एचआईवी के शुरुआती लक्षण आमतौर पर फ्लू जैसे होते हैं।
महिलाओं में एचआईवी के कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं: (How is HIV diagnosed in women)
- सिरदर्द(Headache)
- लिम्फ नोड्स में सूजन (Swollen lymph nodes): एचआईवी वायरस के खिलाफ हमारे इम्युनिटी सिस्टम की प्रतिक्रिया के कारण गर्दन(neck), बगल(armpits), सिर के पीछे और कमर (back of the head, and groin)में स्थित लिम्फ नोड्स (lymph nodes) सूज जाते हैं।
- मुंह के छाले(Oral ulcers): ये क्रीम कलर के प्लाक होते हैं जो तालू(palate), जीभ और होंठों पर दिखाई देते हैं। यह नीचे एक लाल सतह( red surface underneath) छोड़ते हैं।
- गला खराब होना(Sore throat)
- त्वचा पर रैशेज(Rashes on the skin): एचआईवी इन्फेक्शन के मामले में त्वचा पर रैशेज लाल, खुजलीदार और दर्दनाक होते हैं। ये रैशेज पिंक ब्रेकआउट्स के साथ फोड़े की तरह भी लग सकते हैं।
- रात को पसीना आना(Night sweats): जब आपका शरीर एचआईवी इन्फेक्शन से लड़ने की कोशिश करता है, तो इससे रात में पसीना आ सकता है।
- थकान(Fatigue)
- ठंड लगना(Chills)
- मांसपेशियों में दर्द(Muscle ache)
- बुखार(Fever): यह एचआईवी इन्फेक्शन के शुरुआती और सबसे आम लक्षणों में से एक है।
- जोड़ों का दर्द(Joint pain)
- पाचन समस्याएं(Digestive problems): एचआईवी इन्फेक्शन से पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं जैसे दस्त, उल्टी और मतली (diarrhoea,vomiting, and nausea)भी हो सकती है।
- अस्पष्टीकृत वजन घटना(Unexplained weight loss)
- खाँसी(Cough)
महिलाओं में एड्स के लक्षण (HIV symptoms in females)
- पीरियड्स साइकिल में बदलाव होना।
- अचानक वजन कम होना और भूख कम लगना
- पेट में समस्या बने रहना
- बुखार रहना
- लिंफ नोड्स में सूजन होना
- शरीर मे लाल चकत्ते होना
- कमजोर इम्युनिटी सिस्टम
- ट्यूबरक्लोसिस , निमोनिया और कैंडिडिआसिस(tuberculosis, pneumonia, and candidiasis) जैसे अवसरवादी संक्रमण (Opportunistic infections)
- आंखों, त्वचा, किडनी , लंग्स , ब्रेन और पाचन ट्रैक्ट(digestive tract) का इन्फेक्शन ।
- नॉन -हॉजकिन के लिंफोमा(non-Hodgkin’s lymphoma), कापोसी सरकोमा(Kaposi sarcoma) और सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) जैसे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
एचआईवी के बाद के चरण में अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- आवर्तक बुखार (Recurrent fever)
- सुस्ती(Lethargy)
- रात को पसीना(Night sweats)
- तेजी से वजन घटाना(Rapid weight loss)
- क्रोनिक डायरिया (Chronic diarrhoea)
- लिम्फ नोड्स में लंबे समय तक सूजन(Prolonged swelling of the lymph nodes)
- न्यूमोनिया(Pneumonia)
- याददाश्त का खो जाना (Memory loss)
- गुप्तांग, गुदा या मुंह के छाले(Sores of the genitals, anus, or mouth)
- डिप्रेशन(Depression)
- त्वचा के नीचे और मुंह, पलकों और नाक के अंदर धब्बे (भूरा, लाल, बैंगनी या गुलाबी)
एचआईवी के बाद के चरण में कुछ लक्षण महिलाओं के लिए बहुत अलग होते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:
- मेंस्ट्रुअल चक्र में परिवर्तन`(Changes in the menstrual cycle): एचआईवी इन्फेक्शन के बाद आपको हल्का, भारी या मेंस्ट्रुअल चक्र नहीं होने का अनुभव हो सकता है। आप गंभीर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम premenstrual syndrome का अनुभव भी कर सकती हैं।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID)(Pelvic inflammatory disease (PID)): आपके ओवरीज़ , गर्भाशय (uterus) या फैलोपियन ट्यूब के इन्फेक्शन के कारण आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। पीआईडी आगे चलकर बुखार,असामान्य वैजिनल डिस्चार्ज , इंटरकोर्स के दौरान दर्द और इर्रेगुलर पीरियड्स को जन्म दे सकता है।
- वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन या कैंडिडिआसिस (Vaginal yeast infection or candidiasis): यह एचआईवी वाली महिलाओं में देखा जाने वाला सबसे आम अवसरवादी संक्रमण (opportunistic infection) है। कैंडिडा (Candida) नामक फंगस के ओवरग्रोथ से वैजिनल कैंडिडिआसिस होता है। जैसे-जैसे CD4 सैल्स की संख्या घटती जाती है, इन्फेक्शन की गंभीरता और फ्रीक्वेंसी बढ़ती जाती है। वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षणों में इंटरकोर्स के दौरान दर्द, सफेद, थिक वैजिनल डिस्चार्ज , यूरिन करने में दर्द(painful urination) और वल्वा और वैजाइना के आसपास जलन (burning sensation) शामिल है।
कुछ अन्य लक्षण
- इम्पेरेड फर्टिलिटी(Impaired fertility): पीआईडी के कारण इनफर्टिलिटी और एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी हो सकती है। चूंकि एचआईवी इन्फेक्शन आपकी इम्युनिटी सिस्टम को दबा देता है, पेल्विक रोग ट्रीटमेंट के बाद भी बना रहता है जिससे प्रेगनेंसी का खतरा बढ़ जाता है।
- वैजिनल अल्सर (Vaginal ulcers): चूंकि महिलाओं में CD4 की संख्या 500 से कम हो जाती है, इसलिए महिला को हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 2 (एचएसवी -2) के इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है। यह वायरस जेनिटल हर्पीस (genital herpes) से जुड़ा है। लगभग 52-72% मामलों में, एचआईवी को HSV-2 से कोइन्फेक्टेड (coinfected ) पाया गया है।
- हड्डियों की समस्या (Bone problems): एचआईवी इन्फेक्शन ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) की संभावना को 4 गुना तक बढ़ा देता है। हेपेटाइटिस सी (hepatitis-C) के को-इन्फेक्शन (co-infection) और एचआईवी के ट्रीटमेंट के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं भी हड्डियों के मिनरल्स के बढ़ते नुकसान से जुड़ी हैं।
उ०: एक महिला को एचआईवी इन्फेक्शन के लक्षण दिखने में इन्फेक्शन होने के बाद लगभग 1-4 सप्ताह लगते हैं।
उ०: एचआईवी से संक्रमित(infected) होने पर आपके यूरिन का रंग लाल-भूरे रंग में बदल जाता है।
उ०: हां, यदि आपको बिना लक्षण वाले एचआईवी है, तो एचआईवी इन्फेक्शन पर किसी का ध्यान नहीं जा सकता है।
उ०: एचआईवी का इन्फेक्शन तीन चरणों में होता है। पहला चरण एक्यूट इन्फेक्शन है, दूसरा चरण लक्षणहीन (asymptomatic) है और तीसरे चरण में एचआईवी एड्स में बदल जाता है, यानी एक्यूट इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम(Acute Immune Deficiency Syndrome)।