Gurugram me madhumeh ka ayurvedic ilaj
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप आयुर्वेदिक उपचार या कई घरेलू उपायों की मदद भी ले सकते हैं. ऐसी कई चीजें हैं जिनके इस्तेमाल से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है.
डायबिटीज में लोगों को अपने खाने-पीने को लेकर बहुत सतर्क रहना पड़ता है. खाने में जरा सी लापरवाही से आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है. डायबिटीज के मरीज को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए. इसके अलावा आपको वजन को भी कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है. मधुमेह को नियंत्रण में लाने के लिए कई आयुर्वेदिक दवाओं और अर्क का इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद में ऐसी कई चीजें हैं जिनके इस्तेमाल से आप डायबिटीज को कंट्रोल रख सकते हैं. जानते हैं डायबिटीज के लक्षण और उपाय क्या हैं?
डायबिटीज़ के लक्षण (Symptoms Of Diabetes)
टाइप-1 डायबिटीज के मरीज में लक्षण बहुत तेजी से दिखते हैं. जबकि टाइप-2 के मरीज में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण काफी कम नजर आते हैं. टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के ये मुख्य लक्षण हैं:-
- बहुत प्यास लगना
- बार-बार टॉयलेट आना
- बहुत भूख लगना
- अचानक से वजन बढ़ना या कम होना
- थकान
- चिड़चिड़ापन
- आंखों में धुंधलापन
- घाव का देरी से भरना
- स्किन इंफेक्शन
- ओरल इंफेक्शन्स
- वजाइनल इंफेक्शन्स
डायबिटीज में आयुर्वेदिक दवा ( Ayurvedic Treatment for Diabetes)
अंजीर के पत्ते- डायबिटीज के इलाज में अंजीर के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद मिलती है. अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबाने या पानी में उबाल कर पीने से मधुमेह कंट्रोल रहता है.
मेथी- डायबिटीज के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद होती है. मेथी के बीज का सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. आप एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दे. सुबह खाली पेट इन बीजों और पानी को पी लें. इसके करीब 30 मिनट बाद तक कोई दूसरी चीज न खाएं. सप्ताह में 2 से 3 बार ऐसा करने से ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
दालचीनी- मसालों में दालचीनी का उपयोग सभी के घरों में होता है. दालचीनी के कई फायदे हैं. स्वाद और खुशबू बढ़ाने के अलावा डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए भी दालचीनी का उपयोग किया जाता है. इसमें मधुमेह विरोधी गुण पाए जाते हैं. दालचीने के उपयोग से ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए आपको हर रोज आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन करना चाहिए.
अंगूर के बीज- अंगूर के बीजों में डायबिटीज को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं. इसमें विटामिन ई, फ्लेवोनोइड्स, लिनोलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो मधुमेह के इलाज में प्रभावशाली साबित होते हैं. आप अंगूर के बीज को पीस कर चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं.
जैतून का तेल- जैतून के तेल का इस्तेमाल करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है. इससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम करने में सहायता मिलती है. इससे शरीर में ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. लंबे समय तक जैतून के तेल का इस्तेमाल करने से हार्ट की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.
लहसुन- सभी के घरों में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है. लहसुन खाने से मधुमेह भी कंट्रोल रहता है. रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगोकर सुबह खालीपेट इसे चबाकर खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है.
एलोवेरा- आजकल सभी के घरों में एलोवेरा का पौधा मिल जाएगा. पिछले काफी समय से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. मधुमेह में एलोवेरा जूस पीने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. एलोवेरा में हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जैसे तत्व होते हैं जिससे ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है.
नीम- नीम को कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है. नीम के पत्ते और रस से डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं. इसके अलावी नीम में एंटी-डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं. इससे मधुमेह भी कंट्रोल रहता है.
आंवला- विटामिन सी से भरपूर आंवला डायबिटीज में भी फायदेमंद है. आंवला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं. आंवला खाने के 30 मिनट में ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है. आंवले के बीजों को पीसकर पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इससे धीरे-धीरे शुगर लेवल भी कम हो जाता है.
जामुन के बीज- डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए जामुन के बीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है. जामुन की गुठलियों को अच्छी तरह सुखाकर पीस लें. इस चूर्ण को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. जामुन के सीजन पर आप इसे खूब खाएं. ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए फायेदमंद है.