शरीर के विभिन्न हिस्सों में छोटी-छोटी फुंसियां हरपीज हो सकता है, नजरअंदाज ना करे
कई बार असुरक्षित सेक्स संबंध, शरीर के प्राइवेट पार्ट में गंदगी, साफ़ सुथरे प्राइवेट वस्त्रो को ना धारण करने से हरपीज की बीमारी उतन्न होने लगती हैं, अधिकतर हरपीज पार्टनर से संबंध बनाने से ओरल सेक्स के ज्यादा देखा गया हैं हालाकि इसके अन्य कारण भी हो सकते है परन्तु यह एक मेजर के रूप में उभरा हैं ! आज इस बीमारी को हम डिटेल में जानेगे और इससे निवारण के बारे में भी बतायेगे – इसके बेहतरीन चिकित्सक परामर्श भी आप दिए नंबर पर प्राप्त कर सकते है – (+91) 8010977000 / 9999219128

हरपीज बीमारी क्या होता है? What is herpes?
शरीर पर निकल आएं पानी भरे दाने तो न करें नजरअंदाज, हो सकता है हर्पीस – शरीर पर निकल आएं पानी भरे दाने तो न करें नजरअंदाज, हो सकता है हर्पीस
कई बार देखा गया हैं कुछ लोगो में शरीर के विभिन्न हिस्सों में छोटी-छोटी फुंसियां निकल आती हैं, हालांकि इन्हें एलर्जी या फिर फंगल इंफेक्शन की निशानी मान बैठते हैं और संपूर्ण जांच कराने के बजाय नजरअंदाज करते रहते है । लेकिन सावधान ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। शरीर पर निकलने वाली ये छोटी-छोटी फुंसियां आगे चलकर हर्पीस का लक्षण बन सकती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर पर छोटे-छोटे पानी से भरे दाने निकल आते हैं जो बाद में शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं और दिनोंदिन इनके साइज और एरिया में ब्रिधि होती रहती हैं ।
हरपीज के सामान्य लक्षण क्या है ? What are common symptoms of herpes?
हर्पीस की स्थिति में प्राइवेट पार्ट और शरीर के अन्य हिस्सों में पानी भरे दाने निकल आते हैं। जैसे ही ये थोड़े बड़े होते हैं, फूट जाते हैं और जब यही पानी शरीर के अन्य हिस्से में लगता है तो वहां भी संक्रमण फैल जाता है। उन्होंने कहा, ‘अगर शरीर पर पानी भरे दानें निकलें तो उन्हें फोड़ें नहीं और न ही हाथ लगाएं। फोड़ने पर उनसे निकलने वाला पदार्थ शरीर के अन्य हिस्सों या फिर कपड़ों पर लग सकता है, जिससे वह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। ऐसी स्थिति में रोगी को अन्य लोगों से दूर रखना चाहिए। उसके कपड़े, बर्तन यहां तक कि उसके इस्तेमाल की चीजें अलग रखनी चाहिए और वह साफ-सुधरी होनी चाहिए
हरपीज के अन्य लक्षण Others symptoms of herpes
१- प्राइवेट पार्ट या शरीर के अन्य हिस्सों में पानी भरे दाने निकल जाना। थोड़े बड़े होते हैं, फूट जाते हैं और जब यही पानी शरीर के अन्य हिस्से में लगता है तो वहां भी संक्रमण फैल जाता है और पुन: अन्य हिस्सों में दाने निकल आना |
२- शरीर में दर्द ,खुजली । मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों में घाव हो जाना।
३- हमेशा बुखार रहना, लिंफ नोड्स काफी बड़ी हो जाना
४- शरीर पर जगह-जगह लाल रंग के चकते उभर जाना
५- इन दानों के निकलने के पहले रोगी को दर्द होना शुरू हो जाता है
६- दर्द होने के कुछ दिनों के बाद उस जगह की त्वचा पर लाल-लाल फुंसियां निकलनी शुरू हो जाती हैं। धीरे-धीरे इन दानों में पानी भर जाता है
७- जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और थकान भी होना । फुंसियों में दर्द होना इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है। कई रोगियों में यह दर्द काफी तेज होता है
हरपीज बीमारी क्यों होती है? Why herpes happen
वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण हर्पीस होती है। चूंकि यह एक संक्रामक बीमारी है इसलिए इसमें अत्यधिक सावधानी बरतना काफी जरूरी होता है। वैसे तो यह बीमारी 23 उम्र के बाद किसी भी व्यक्ति को और कभी भी हो सकती है, लेकिन माना जाता है कि इसका वायरस उस व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है जो पहले से किसी अन्य संक्रमण से जूझ चुके है जैसे – चिकन पॉक्स …
हरपीज का कारण क्या है ? What are the causes of herpes
हर्पीस का वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा की सतह पर मौजूद होता है अगर उस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्ति में प्राइवेट पार्ट, एनस या फिर मुंह के जरिए आसानी से फैल सकता है। हालांकि यह भी समझने की जरूरत है कि संक्रमित व्यक्ति द्वारा वॉशबेसिन, टेबल या किसी चीज को छुए जाने से यह इंफेक्शन नहीं फैलता। असुरक्षित यौन संबंधों और एनल सेक्स की वजह से भी हर्पीस की बीमारी हो जाती है।
अगर किसी ऐसे व्यक्ति के साथ ओरल सेक्स किया जाए जिसके मुंह में घाव हैं तो भी यह बीमारी गिरफ्त में ले सकती है। इसके अलावा सेक्स टॉयज शेयर करने और किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क से भी हर्पीस हो जाता है।
हर्पीस कितने प्रकार के होते हैं ? How many Types of herpes
हर्पीस दो तरह का होता है- HSV-1, हर्पीस टाइप 1 और ओरल हर्पीस और दूसरा HSV-2 यानी जिनाइटल हर्पीस या हर्पीस टाइप 2 । बात करें इस बीमारी के लक्षणों की, तो कई लोगों में महीनों तक तो इसके लक्षण नजर ही नहीं आते हैं । इसीलिए यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। वहीं कुछ लोगों में 10 दिनों के अंदर ही हर्पीस अपना रूप दिखाना शुरू कर देता है
हरपीज बीमारी कैसे ठीक होती है? how to treat herpes
इसके इलाज के लिए कुछ घरेलू तरीके भी अपनाए जा सकते हैं, जैसे कि हल्के गरम पानी में थोड़ा सा नमक डालकर नहाने से फायदा मिलता है। प्रभावित हिस्से पर पेट्रोलियम जैली लगाने से भी राहत मिलती है। इसके अलावा जब तक हर्पीस के लक्षण पूरी तरह से खत्म न हो जाएं तब तक यौन संबंध या किसी भी प्रकार की यौन क्रिया में शामिल न हों।
घरेलू इलाज के साथ-साथ डॉक्टरी इलाज जरूर कराएं, नहीं तो स्थिति गंभीर हो सकती है। हर्पीस के इलाज के लिए ऐंटी-वायरस मेडिसिन एसाइक्लोविर दवाई रोगी को दी जाती है ताकि उसके शरीर में उपस्थित वायरस नष्ट हो जाए
हरपीज बीमारी कितने दिन में ठीक होती है? in How many days herpes cure?
हरपीज का कोई इलाज नहीं है। लेकिन दवाएं मदद कर सकती हैं। उन्हें गोली, क्रीम या शॉट के रूप में दिया जा सकता है। एसाइक्लोविर और वैलेसीक्लोविर जैसी दवाएं हर्पीज वायरस से लड़ती हैं। वे उपचार में तेजी ला सकते हैं और कई लोगों के लिए दाद के दर्द को कम कर सकते हैं। उनका उपयोग प्राथमिक प्रकोप या आवर्तक प्रकोप के इलाज के लिए किया जा सकता है। यदि दवाओं का उपयोग पुनरावृत्ति का इलाज करने के लिए किया जा रहा है, तो जैसे ही आप झुनझुनी, जलन या खुजली महसूस करें, उन्हें शुरू कर देना चाहिए। पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उन्हें हर दिन भी लिया जा सकता है।
दिल्ली एनसीआर में हरपीज के स्पेसिलिस्ट डॉक्टर कौन हैं ? Who is best herpes Specialist Doctor in Delhi/NCR
डॉ युवराज अरोरा मोंगा दिल्ली के बेस्ट सेक्सोलोजिस्ट हैं, जिन्हें हर्पीस के बेहतर ज्ञान और उसके प्रॉपर इलाज का बेहतरीन ज्ञान हैं – आप डॉ युवराज अरोरा जी से मिलकर हरपीज के समस्या से निजात पा सकते है