शरीर में रोगों के कारण विभिन्न अंगों और सिस्टमों में विकृतियों या विषमताओं से होते हैं। ये शारीरिक, आवासीय, आहारिक, पर्यावरणिक, जीवाणुजन्य, ग्रहणीय, वायुमण्डलीय, या जन्मजात हो सकते हैं। इनके कारणों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:
- इन्फेक्शन: बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, और प्रोटोजोए के संसर्ग से होने वाले संक्रमण रोग जैसे- सर्दी-जुकाम, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड आदि।
- विषाणुजन्य रोग: कुछ वायरस और विषाणुजन्य रोग जैसे- HIV, हेपेटाइटिस, इन्फ्लुएंजा आदि।
- आहारिक और पोषण संबंधी कारण: अधिक तला हुआ, मसालेदार, और अधिक मिठा खाने से आहार संबंधी समस्याएं, जैसे- मोटापा, मधुमेह, हार्ट डिजीज, आदि।
- ग्रहणीय कारण: दूषित जल और खाने की चीजों से होने वाले रोग जैसे- पेट दर्द, बदहजमी, जूँ, आदि।
- वायुमण्डलीय प्रभाव: वायुमण्डल के प्रदूषण, तापमान, और वातावरण से होने वाले रोगों के कारण भी हो सकते हैं।
- शारीरिक कमजोरी: अधिक थकान, कम व्यायाम, और कमजोरी से भी रोग हो सकते हैं, जैसे- माइग्रेन, एनीमिया, आदि।
- जन्मजात कारण: जन्म से ही होने वाली कुछ ग्रहणीय और विकारी रोग होते हैं जिनमें नसों या अंगों की अनियमितता होती है।
सामान्य रोग और उपचार चिकित्सक (विशेषज्ञ)
शरीर में कुछ रोग सामान्य होते हैं जो आम तौर पर छोटे उपचार से ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ गंभीर रोग जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। नीचे कुछ सामान्य रोगों की सूची दी गई है:
रोग का नाम | उपचार चिकित्सक |
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जुकाम और सर्दी | फैमिली डॉक्टर, एंटी-हिस्टेमिन्स |
बुखार | फैमिली डॉक्टर, अंतरविषाणुदैयक |
पेट दर्द | गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट |
माइग्रेन | न्यूरोलॉजिस्ट |
मलेरिया | फैमिली डॉक्टर, एंटीमलेरियल दवाएँ |
टाइफाइड | फैमिली डॉक्टर, एंटीबायोटिक्स |
डेंगू | फैमिली डॉक्टर, टेस्टिंग और समर्थन |
दांतों की समस्याएं | दंत चिकित्सक, दंत विशेषज्ञ |
मोटापा | डायटिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट |
मधुमेह | एंडोक्रिनोलॉजिस्ट |
हृदय रोग | कार्डियोलॉजिस्ट |
साँसों के रोग | पल्मोलॉजिस्ट, इमरजेंसी दवा |
कैंसर | ऑन्कोलॉजिस्ट |
उच्च रक्तचाप | नेफ्रोलॉजिस्ट |
नजर बदलना | ऑप्थल्मोलॉजिस्ट |
स्किन प्रॉब्लम्स | डर्मेटोलॉजिस्ट |
रोगों से बचाव
स्वस्थ रहने के लिए हमें समय-समय पर एक स्वस्थ्य जीवनशैली अपनानी चाहिए। कुछ समान्य उपाय जो आपको स्वस्थ्य जीवन जीने में मदद करते हैं |
- सामान्य हाथ धोने के नियमों का पालन करें, खाना बनाने और खाने से पहले साबुन और पानी से हाथ धोएं।
- स्वच्छ और सुरक्षित पानी का उपयोग करें, नियमित अंतराल पर जल पीएं और साफ पानी से भोजन बनाएं।
- संक्रमण के संबंध में संवेदनशील इलाकों को बचने से बचें, भीड़भाड़ में न जाएं और विश्राम के बाद हाथ धोने का प्रयास करें।
- पूर्णाहारी और पौष्टिक आहार लें, स्वस्थ्य वसा और ताजा फल-सब्जियां शामिल करें।
- नियमित व्यायाम करें, योग और मेडिटेशन जैसे प्रायोगिक तकनीकें अपनाकर मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।