बीज को गाढ़ा करने का आयुर्वेदिक इलाज : आयुर्वेद चिकित्सा की एक प्राचीन भारतीय प्रणाली हैं जिसके उपयोग विभिन्न प्रकार की यौन समस्याओं और उसके समाधान में लिया जाता हैं। आयुर्वेद में वीर्य सम्बंधित समस्याओं का इलाज जैसे की वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के लिए कई प्राकृतिक उपचार किये जाते है।
बीज को गाढ़ा करने के लिए आयुर्वेदिक इलाज, आयुर्वेदिक औषधियां आपको दुकान से आसानी से मिल जाते हैं । आमतौर पर, सेब का सिरका, अश्वगंधा, अमला, और शतावरी जैसी जड़ी बूटियाँ और घरेलू नुस्खे इस इलाज के लिए प्रयोग में लिए जाते हैं।
- अश्वगंधा को गुड़ में मिलाकर सेवन करना बीज को गाढ़ा करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सेब का सिरका भी बीज को गाढ़ा करने में मदद करता है।
- अमला और शतावरी भी वीर्य के गाढेपन के इस्तेमाल किए जाते हैं। अमला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो बीज के विकास को सुधारने में मदद करते हैं। शतावरी में पाये जाने वाले विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल भी बीज के विकास में मदद करते हैं।
वीर्य कोगाढ़ा करने की अंग्रेजी दवा – Allopathic Medicine for watery sperm
महिलाओं के लिए दी जाने वाली अधिकांश पारंपरिक फर्टिलिटी दवाओं का उपयोग पुरुषों में बांझपन के इलाज के लिए भी किया जाता है क्योंकि एक ही हार्मोन दोनों में प्रजनन को नियंत्रित करता है। यहां कुछ सामान्य फर्टिलिटी दवाएं जो डॉक्टर लिखते हैं:
- क्लोमिफेन
- गोनैडोट्रॉफ़िन
- लेट्रोजोल
- ब्रोमोक्रिप्टीन
- इमिप्रमिन
- एनास्ट्राज़ोल अरिमिडेक्स
आयुर्वेदिक दवाये – Ayurvedic medicine for watery sperm
दिव्य अश्वगंधा चूर्ण के नियमित सेवन से अपने शरीर में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाया जा सकता हैं। तथा होने वाली शीघ्रपतन हम शीघ्र स्खलन जैसी बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं।
बीज को गाढ़ा करने के लिए आवश्यक जांच (Seman Anlyas Test in Hindi)
वीर्य में पतलापन या अन्य तरह की समस्या होने पर गर्भधारण की कोशिश फेल हो जाती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर वीर्य विश्लेषण का सुझाव देते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर वीर्य की जांच कर उसकी गुणवत्ता और मात्रा यानी क्वालिटी और क्वांटिटी को मापते हैं।
वीर्य के शुक्राणुओं के स्वास्थ्य की सटीक पुष्टि करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर दो या तीन अलग-अलग जांच करने का सुझाव देते हैं। हर बार किए गए वीर्य की जांच का परिणाम अलग-अलग हो सकता है।
इसलिए जांच किए गए सभी सैंपल में पायी गयी संख्या की औसत को सबसे सटीक रिजल्ट माना जाता है। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द क्लिनिकल केमिस्ट्री के अनुसार, वीर्य की जांच तीन महीने में सात बार और एक दिन में केवल एक बार ही करनी चाहिए।
वीर्य को गाढ़ा करने लिए चिकित्सकीय परामर्श
शुक्राणु की मोटाई या पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं से संबंधित किसी भी चिंता पर मार्गदर्शन के लिए एक योग्य चिकित्सा पेशेवर, जैसे मूत्र रोग विशेषज्ञ या प्रजनन विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे आपकी विशिष्ट स्थिति का मूल्यांकन कर निदान प्रदान कर सकते हैं और उचित उपचार या दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं।
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